TERCET-THREE LINES GARHWALI POEMS (261-265)
---261--- किलै बुलणा छाँ पहाड़ूँ विकास नि ह्वाई म्यारौं , म्यारा बाना तुमऽन क्या काई जीवन आँदु - जाँदु राई Copyright © सतीश रावत 28/06/2017 ---262--- हैरि डाळि नीसि ह्वेन फल , फूल , ऑक्सिजन लैन मनखि तैं घूण खैन , न उपऽन खैन Copyright © सतीश रावत 01/09/2017 ---263--- बसगळ्या औड़ौ मा आण - जाण हैरा घासैऽ खुशबु आण गैंथऽर ह्वे नौणौऽ प्राण Copyright © सतीश रावत 02/09/2017 ---264--- प्रकृति धै लगाँदि रा मनखि बौग मरदु रा गरूड़ फर्ज निभांदु रा Copyright © सतीश रावत 02/09/2017 ---265--- बसगाळ आँद हरियाळि लाँद मनखि खड्वळा खणणू राँद Copyright © सतीश रावत 04/09/2017 TERCET-THREE LINES GARHWALI POEMS, Hindi Poems; Sociopolitical Satirical, Current Event depicting, Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Garhwal, Uttarakhand; Sociopolitical Satirical, Current Event depicting, Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Pauri Garhwal, Uttarakhand ; Sociopolitica