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Showing posts from January, 2021

GARHWALI HAIKU (56-60)

  -56- सुपन्या त्वाड़ कैका बाँठौ पहाड़ बैठ्यूँ  वे  छ्'वाड़ Copyright © सतीश रावत 13/01/2019 -57- उडणू राँद अगास मा बादळ आँखा घुर्यांद Copyright © सतीश रावत 13/01/2019 -58- बसगाळऽम पुळ डरणू राँद  निंद नि आँद Copyright © सतीश रावत 13/01/2019 -59- पहाड़ै हवा कै तैं खुज्याणी होलि यूँ मैदानूँ मा Copyright © सतीश रावत 13/01/2019 -60- पूषऽ कु मैना घाम तपणा दिन मनख्यूँ बिन Copyright © सतीश रावत 13/01/2019 Garhwali Haiku, Sociopolitical Satirical, Current Event depicting,  Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Garhwal, Uttarakhand;  Sociopolitical Satirical, Current Event depicting, Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Pauri Garhwal, Uttarakhand ;  Sociopolitical Satirical, Current Event depicting, Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Chamoli Garhwal, Uttarakhand ;  Garhwali Poems,  Sociopolitical Satirical, Current Event depicting, Folk Songs , verses from Rudraprayag Garhwal, Uttarakhand ;  Garhwali Poems, Folk Songs , verses from Teh

GARHWALI HAIKU (51-55)

-51- ग्वाया लगै कि खुचलि मा ऐ जाँद  घामऽ कि झैळ  Copyright © सतीश रावत 01/01/2019 -52- अपणा मुल्क कोयल धै लगांद फ्यूंलि शर्मांद Copyright © सतीश रावत 13/01/2019 -53- पहाड़ैऽ पिड़ा गळण बैठ ग्याई वु घौर आयी Copyright © सतीश रावत 13/01/2019 -54- लय्या कि डाळि नज़दीक बुलाणी धौण हिलाणी Copyright © सतीश रावत 13/01/2019 -55- छूणऽ कि आस सीधु-साधु पहाड़ ऊँचु अगास Copyright © सतीश रावत 13/01/2019 Garhwali Haiku, Sociopolitical Satirical, Current Event Depicting, Garhwali Poems, Folk Songs, Verses from Garhwal, Uttarakhand; Sociopolitical Satirical, Current Event Depicting, Garhwali Poems, Folk Songs, Verses from Pauri Garhwal, Uttarakhand; Sociopolitical Satirical, Current Event Depicting, Garhwali Poems, Folk Songs, Verses from Chamoli Garhwal, Uttarakhand; Garhwali Poems, Sociopolitical Satirical, Current Event Depicting,Folk Songs, Verses from Rudraprayag Garhwal, Uttarakhand; Garhwali Poems, Folk Songs, Verses from Tehri Garhwal, Uttarakhand; Sociopoliti

गढ़वळि कविता, -40-, कोशिश

  -40-   कोशिश --------- अँध्यरु छँटे हि जाँद, टैम बँटे हि जाँद. घाम ऐ हि जाँद, चखुलि च्वींचे हि जाँद. मौसम बदले हि जाँद, ऋतु वसंत ऐ हि जाँद. अगास बरखे हि जाँद, हरियाळि ह्वे हि जाँद. हिटदा-हिटदा बाटु मिल हि जाँद, कोशिश करा कसर किलै जि राँद! Copyright © सतीश रावत 03/01/2018 Tags for Poems, Garhwali - गढ़वळि कविता, गढ़वाली कविताएं, Garhwali Poems, सतीश रावत, Satish Rawat, सतीश रावत कि कविता, सतीश रावत की कविताएं, Poems of Satish Rawat, सतीश रावत कि गढ़वळि कविता, सतीश रावत की गढ़वाली कविताएं, Garhwali Poems of Satish Rawat, सतीश रावत, नौड़ियाल गाँव, कफोलस्यूं, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड, भारत, Satish Rawat, Nauriyal Gaon, Kapholsyun, Pauri Garhwal, Uttarakhand, India, गढ़वळि साहित्य, गढ़वाली साहित्य, Garhwali Literature, गढ़वळि साहित्य कवि, गढ़वळि साहित्य कवि, Garhwali Literature Poets, गढ़वळि साहित्य लेखक, गढ़वाली साहित्य लेखक, Garhwali Literature Writers, गढ़वळि कवि, गढ़वाली कवि, Garhwali Poets, गढ़वळि लेखक, गढ़वाली लेखक, Garhwali Writers, गढ़वळि भाषा, गढ़वाली भाषा, Garhwali Lan

गढ़वळि कविता, -39-, नयु दिन

  -39-   नयु दिन ----------- बिनसरि होंद रात बिजि जाँद सुबेर उठि जाँद चखुलि च्वींच्याँद घाम आँद बाछि रमऽद गौड़ि गुस्याँण खुज्याँद ताँबै गागर चमकि जाँद चुला मा चा उमळणी राँद मिठि-मिठि धै सुण्याँद स्कूलै घंटि बुलाणी राँद पुँगड़ौं मा दगड़्या छ्वीं लगाँद बेटि-ब्वारि घास-लखड़ु लाँद ढबऽड़ि रूठीऽ खुशबु आँद इस्कुल्या नौना-बाळौं कि खुशी सुण्याँद खेल नौना-बाळौं दगड़ खिलणू राँद चकुंडै डाळि उंगण बैठ जाँद सुरुक-सुरुक रुमुक आँद फूल-फटकी जून आँद गैणौं दगऽड़ खिलणी राँद हँसदा-हँसदा रात से जाँद नयु दिन बाटु जग्वळणू राँद नयु मौका दीण चाँद. Copyright © सतीश रावत 31/12/2017 Tags for Poems, Garhwali - गढ़वळि कविता, गढ़वाली कविताएं, Garhwali Poems, सतीश रावत, Satish Rawat, सतीश रावत कि कविता, सतीश रावत की कविताएं, Poems of Satish Rawat, सतीश रावत कि गढ़वळि कविता, सतीश रावत की गढ़वाली कविताएं, Garhwali Poems of Satish Rawat, सतीश रावत, नौड़ियाल गाँव, कफोलस्यूं, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड, भारत, Satish Rawat, Nauriyal Gaon, Kapholsyun, Pauri Garhwal, Uttarakhand, India, गढ़वळि साहित

गढ़वळि कविता, -38-, पलायन कु सुख

  -38-   पलायन कु सुख ------------------   क्या वु नि चाँद,  कि वेकु भि विकास ह्वा? वे तैं भि वु सुख-सुविधा मिलिन,  जु विकसित देशूँ का लुखूँ तैं मिलदिन. वेका नौना-बाळौं तैं नि भुगण प्वाड़ वु दुख जु वेन भ्वाग. वू भि चाँद कि वेका नौना-बाळौं तैं भि सुख-सुविधा अर मौका मीलु- अच्छा शैक्षणिक संस्थानूँ मा पढ़णौ कु, दुनिया दगड़ चलणौ कु, अगना बढणौ कु. क्या वु नि चाँद! कि वेका भि दिन ऐन, खूब ठाट-बाट रैन. वेकि भि क्वी पछ्याँण ह्वा,   कुछ योगदान वू भि दे साक संसार कि प्रगति मा,  वेकु भि नाम लिखे जाव इतिहास का पन्नौं मा.  वु कैसे कम नी छ वु भि जीत सकद दुनिया तैं वेमा ताकत छ दुनिया से भि अगनै चलणै की  पर पिड़ा य छ- संसाधन ही नि छन. अब बैठ- बैठी करण भि च त क्य कन?  कनुकै चलण दुनिया जन? इलै वे तैं हिलण प्वाड़, ब्वे-बुबै खुचलि छुड़ण प्वाड़, अपणु भाग लँफ्याण प्वाड़, वेन स्वाच- भलु ह्वालु भ्वाळ, राजि-खुसि राला गौं-गुठ्यार, संसाधन आला अपणा ड्यार, इलै वेन पलायन कार. Copyright © सतीश रावत 24/12/2017 Tags for Poems, Garhwali - गढ़वळि कविता, गढ़वाली कविताएं, Garhw

गढ़वळि कविता, -37- सच्चु बचपन

-37- सच्चु बचपन -------------- कभि हँसदु, कभि हँसाँदु; कभि रूँदु, कभि रुवाँदु; कभि ख्यलदु, कभि रुसाँदु; कभि डरदु, कभि डराँदु; कभि हरदु, कभि हराँदु; छुटि आँख्यूँ मा बड़ा सुपन्य, सजाणू राँदु; कित्गा मयळ्दु, कित्गा सच्चु, कित्गा स्वाणु, कित्गा अच्छु, हूँद बचपन. Copyright © सतीश रावत 13/06/2017 Tags for Poems, Garhwali - गढ़वळि कविता, गढ़वाली कविताएं, Garhwali Poems, सतीश रावत, Satish Rawat, सतीश रावत कि कविता, सतीश रावत की कविताएं, Poems of Satish Rawat, सतीश रावत कि गढ़वळि कविता, सतीश रावत की गढ़वाली कविताएं, Garhwali Poems of Satish Rawat, सतीश रावत, नौड़ियाल गाँव, कफोलस्यूं, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड, भारत, Satish Rawat, Nauriyal Gaon, Kapholsyun, Pauri Garhwal, Uttarakhand, India, गढ़वळि साहित्य, गढ़वाली साहित्य, Garhwali Literature, गढ़वळि साहित्य कवि, गढ़वळि साहित्य कवि, Garhwali Literature Poets, गढ़वळि साहित्य लेखक, गढ़वाली साहित्य लेखक, Garhwali Literature Writers, गढ़वळि कवि, गढ़वाली कवि, Garhwali Poets, गढ़वळि लेखक, गढ़वाली लेखक, Garhwali Writers, गढ़वळि भाषा, गढ़वाली भाषा